1. लद्दाख के लिए विशेष विंटर ग्रेड इंधन लांच किया गया-
इंडियन आयल कारपोरेशन ने लद्दाख के लिए विशेष विंटर ग्रेड डीजल लांच किया है। यह विंटर ग्रेड डीजल -33 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी नहीं जमेगा।
मुख्य बिंदु: यह इंधन बीएस-VI के मानकों के अनुकूल है। इसका निर्माण व प्रमाणीकरण पानीपत रिफाइनरी में हुआ है। विंटर ग्रेड डीजल की आपूर्ति पंजाब के जालंधर से की जायेगी।
महत्व: इस पहल से क्षेत्र में लगातार सड़क कनेक्टिविटी बनी रहेगी। दरअसल काज़ा, लद्दाख, कारगिल और केलोंग में वाहन चालकों को सर्दियों में डीजल के जम जाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इन स्थानों में सर्दियों में तापमान -30 डिग्री से भी नीचे चला जाता है।
विंटर ग्रेड इंधन: आमतौर पर शीतकाल में तामपान ‘क्लाउड पॉइंट’ से नीचे पहुँचने पर डीजल जम जाता है। डीजल को जमने से रोकने के लिए इसमें कुछ एक एडिटिव मिलाये जाते हैं।
2. बाड़मेर में शुरू हुआ ‘सिन्धु सुदर्शन’ अभ्यास- भारतीय थल सेना राजस्थान के मरुस्थल में ‘सिन्धु सुदर्शन’ नामक अभ्यास का आयोजन कर रही है। इस अभ्यास में 40,000 जवान हिस्सा लें रहे हैं। इस अभ्यास में भारतीय थल सेना तथा भारतीय वायुसेना के बीच तालमेल का प्रदर्शन किया जायेगा।
सिन्धु सुदर्शन: इस अभ्यास में सेना द्वारा मरुस्थलीय परिवेश में स्ट्राइक कोर की ऑपरेशनल कुशलता का मूल्यांकन किया जाएगा, इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना सैनिकों की एयरलिफ्टिंग तथा लक्ष्य को नष्ट करने का कार्य करेगी। इस दौरान सिमुलेटेड युद्ध परिस्थितयों में युद्ध का अभ्यास किया जाएगा। इस अभ्यास में सर्विलांस तथा विनाशक मैकेनिज्म का परीक्षण किया जायेगा।
3. अयोध्या निर्णय : AIMPLB दायर करेगा पुनर्विचार याचिका-
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती देने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।
सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय: सर्वोच्च न्यायालय ने 5 एकड़ की विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। न्यायालय ने केंद्र सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए किसी अन्य स्थान पर पांच एकड़ भूमि प्रदान करने का आदेश दिया है।
यह निर्णय भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों वाली पीठ ने सुनाया। इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण, एस.ए. बोबड़े, डी. वाई. चंद्रचूड़ तथा एस. अब्दुल नजीर शामिल है। इस फैसले का समर्थन पाँचों न्यायधीशों ने किया है।
अयोध्या भूमि विवाद की टाइमलाइन:
1885 : महंत रघुबर दास ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रथम मुकद्दमा दायर किया।
1949 : बाबरी मस्जिद के अन्दर भगवान् श्री राम की मूर्तियाँ पायी गयीं।
1950 से 1950 के बीच हिन्दू तथा मुस्लिम संगठनों ने 5 अन्य मुकद्दमे दायर किये।
1992 : दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को नष्ट किया।
2010 : इलाहबाद उच्च न्यायालय ने विवादित भूमि को तीन पार्टियों – निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा राम लल्ला में विभाजित किया था।
4. जस्टिस शरद अरविन्द बोबड़े बने भारत के 47वें मुख्य न्यायधीश-
जस्टिस शरद अरविन्द बोबड़े ने भारत के नए मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ ले ली है। जस्टिस बोबड़े भारत के 47वें मुख्य न्यायधीश हैं। उनका कार्यकाल 17 महीने का होगा, वे 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने जस्टिस रंजन गोगोई का स्थान लिया है।
जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवम्बर, 2019 को भारत के मुख्य न्यायधीश के पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं। उन्होंने 3 अक्टूबर, 2018 को भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली थी। उन्होंने जस्टिस दीपक मिश्रा का स्थान लिया था। उन्होंने 3 अक्टूबर, 2018 से 17 नवम्बर, 2019 तक भारत के मुख्य न्यायधीश के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल लगभग 13 महीने का रहा। जस्टिस रंजन गोगोई उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से देश के मुख्य न्यायधीश बनने वाले पहले व्यक्ति हैं।
प्रक्रिया के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायधीश को मुख्य न्यायधीश नियुक्त किया जाता है। सेवानिवृत्त होने वाले मुख्य न्यायधीश अगले मुख्य न्यायधीश के नाम की अनुशंसा विधि मंत्री को भेजते हैं। विधि मंत्री इस नाम को प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करते हैं और वे राष्ट्रपति से इस पर विचार-विमर्श करते हैं।
जस्टिस शरद अरविन्द बोबड़े: शरद अरविन्द बोबडे मौजूदा समय में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश हैं। वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं। वे 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। वे नागपुर से हैं। उनके दादाजी एक वकील तथा उनके पिताजी अरविन्द बोबडे महाराष्ट्र में एक अधिवक्ता थे। शरद अरविन्द बोबडे के बड़े भाई विनोद अरविन्द बोबडे एक संवैधानिक विशेषज्ञ तथा सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील थे।
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5. जस्टिस डॉ. रवि रंजन बने झारखण्ड उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायधीश-
जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने हाल ही में झारखण्ड उच्च न्यायालय के 13वें मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ ले ली है। उन्हें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गयी। झारखण्ड के पूर्व मुख्य न्यायधीश अनिरुद्ध को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायधीश नियुक्त किये जाने के बाद मई, 2019 से झारखण्ड के मुख्य न्यायधीश का पद खाली चल रहा था।
जस्टिस रवि रंजन: झारखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के रूप में कार्य करने से पहले वे पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में कार्य कर रहे थे। जुलाई 2008 में वे पटना उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायधीश बने थे। वाद में जनवरी 2010 में स्थायी न्यायधीश बने थे। 2018 में वे कुछ समय के लिए पटनाउच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायधीश बने थे।
भारत में उच्च न्यायालय: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 214 के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय की व्यवस्था होनी चाहिए। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 217 के तहत राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायधीश तथा सम्बंधित राज्य के राज्यपाल के साथ परामर्श के बाद की जाती है। उच्च न्यायालय के न्यायधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायधीश तथा सम्बंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के साथ परामर्श के बाद की जाती है।
6. आज से शुरू हो रहा है संसद का शीतकालीन सत्र-
संसदीय मामले की कैबिनेट समिति (CCPA) की बैठक में संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन पर चर्चा की गयी थी। इस वर्ष 18 नवम्बर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र में नागरिकता बिल, जुवेनाइल जस्टिस बिल, निजी डाटा सुरक्षा बिल को पारित करने का प्रयास किया जायेगा।
संसदीय मामले की कैबिनेट समिति (CCPA): संसदीय मामले की कैबिनेट समिति (CCPA) कैबिनेट के 6 समितियों में से एक है, यह समिति संसद में सरकार के कार्य की प्रगति का अवलोकन करती है। इसकी अध्यक्षता केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा की जाती है। पांच अन्य कैबिनेट समितियां हैं – राजनीतिक मामले की कैबिनेट समिति, आर्थिक मामले की कैबिनेट समिति, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति, कैबिनेट आवास समिति तथा कैबिनेट नियुक्ति समिति। इन पांच समितियों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।
7. रक्षा मंत्री ने ईस्ट सियांग में सिस्सेरी रिवर ब्रिज का उद्घाटन किया-केन्द्रीय र
क्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट सियांग जिले में सिस्सेरी रिवर ब्रिज का उद्घाटन किया। इस पुल की सहायता से स्थानीय क्षेत्र के विकास को बल मिलेगा।
सिस्सेरी रिवर ब्रिज: इस पुल की लम्बाई 200 मीटर है, यह पुल जोनाई-पासीघाट-राणाघाट-रोइंग रोड पर स्थित है। इस पुल से पासीघाट से रोइंग की यात्रा के समय में पांच घंटे की कमी आएगी। इस पुल की सहायता से ढोला सदिया पुल के माध्यम से तिनसुकिया को भी कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके द्वारा यह पुल दिबांग घाटी तथा सियांग को भी कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाएगा।
सिस्सेरी रिवर ब्रिज का निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) के प्रोजेक्ट ब्रह्मंक द्वारा किया गया है। बीआरओ ने अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम इलाकों में कनेक्टिविटी के लिए चार प्रोजेक्ट शुरू किये हैं, यह प्रोजेक्ट हैं : अरुणांक, वर्तक, ब्रह्मांक तथा उदयक।
8. भारत ने अग्नि II मिसाइल का सफल परीक्षण किया-
भारत ने अग्नि II मिसाइल का रात्री परीक्षण सफलतापूर्वक किया है। गौरतलब है कि यह प्रथम रात्री परीक्षण था। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट के निकट अब्दुल कलाम द्वीप पर किया गया।
अग्नि II मिसाइल की विशेषताएं: इस मिसाइल का विकास रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया गया है। यह मिसाइल सतह से सतह तक मार करने में सक्षम है, यह मिसाइल परमाणु हथियार भी ले जा सकती है। यह मिसाइल 2000 किलोमीटर की रेंज में अपने लक्ष्य को नष्ट कर सकती है। इस मिसाइल का लांच भार 17 टन है, यह अपने साथ 1000 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकती है। इस मिसाइल की लम्बाई लगभग 20 मीटर है, यह दो चरणों वाली मिसाइल है। यह एक IRBM (इंटीग्रेटेड रेंज बैलिस्टिक मिसाइल) है, इसे सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है।
अग्नि मिसाइल: अग्नि II मिसाइल अग्नि श्रृंखला का हिस्सा है, इसकी रेंज 2000 किलोमीटर है। अग्नि I की रेंज 700 किलोमीटर है, अग्नि III की रेंज 3000 किलोमीटर है। अग्नि II का प्रथम परीक्षण 1999 में किया गया था। 2010 में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि II बैलिस्टिक मिसाइल का पहला सफल परीक्षण किया गया था।
9. अमेरिका में छात्र भेजने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर : रिपोर्ट-
हाल ही में ‘2019 Open Doors Report on International Educational Exchange’ नामक रिपोर्ट जारी की गयी, इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में छात्र भेजने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। भारत लगातार 10वें स्थान इस सूची में दूसरे स्थान पर रहा है। इसी वर्ष भारत से लगभग 2,02,000 छात्र पढ़ाई के लिए अमेरिका गये। अमेरिका में चीन से सर्वाधिक छात्र पढ़ाई करने के लिए जाते हैं।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु: 2019 में अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या 10,95,299 है। 2018 के मुकाबले छात्रों की संख्या में 0.05% की वृद्धि हुई है। अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों में 5.5% अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं। इसमें भारत और चीन की हिस्सेदारी 50% से अधिक है। अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के अन्य प्रमुख स्त्रोत देश हैं : दक्षिण कोरिया (52,250), सऊदी अरब (37,080) तथा कनाडा (26,122)। पाकिस्तान, बांग्लादेश, नाइजीरिया और ब्राज़ील से अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। अमेरिकी छात्रों के लिए उच्च अध्ययन के लिए यूरोप पसंदीदा जगह है। 54.9% अमेरिकी छात्र उच्च अध्ययन के लिए यूरोप को चुनते हैं।
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10. भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों के लिए वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा शुरू की-
भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों के लिए वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंधों को मज़बूत करना है।
मुख्य बिंदु: संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों के लिए वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा दो महीने की अवधि के लिए उपलब्ध होगी। यह सुविधा 16 नवम्बर, 2019 से शुरू हो गयी है। यह सुविधा 6 अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों पर उपलब्ध है, यह हवाईअड्डे हैं : दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कलकत्ता।
योग्यता: यह वीज़ा संयुक्त अरब अमीरात के उन नागरिकों के लिए उपलब्ध है जिन्होंने इससे पहले भारत के लिए ई-वीज़ा अथवा पेपर वीजा हासिल किया है। पहली बार भारत की यात्रा करने वाले नागरिकों को ई-वीज़ा अत्ज्वा सामान्य वीज़ा के लिए आवेदन करने की सलाह दी गयी है। पाकिस्तानी मूल के संयुक्त अरब अमीरात के नागरिक इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।