By नवभारत | Updated Date: Nov 14 2019 9:31PM |
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अपोलो हॉस्पिटल की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
पालकों को सावधानी बरतने की जरूरत
नवी मुंबई. बाल दिवस के अवसर पर गुरूवार को वाशी के अपोलो हॉस्पिटल में पीडिएट्रिक कार्डियक केयर के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. डाक्टरों ने बताया कि आर्थिक तौर पर तंग परिवारों में जन्म के समय मृत्यू और नवजात शिशु की मौत के पीछे सबसे बड़ा कारण हृदयरोग (CHD) है. यह लगभग 5 प्रतिशत नियोनेटल मौतों का जरिया है.
बता दें कि बाल दिवस के मौके पर यहां नवी मुंबई के 100 बच्चों और उनके परिवारों के लिए एक मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जहां बच्चों का मुफ्त में कार्डियक जांच और उपचार किया गया. इन बच्चों को अपोलो हास्पिटल के हेल्दी अभियान आशा के तहत आमंत्रित किया गया था.
अपोलो के सीओओ तथा यूनिट हेड संतोष मराठे ने बताया, तीन साल पहले स्थापित अपोलो हॉस्पिटल ने महाराष्ट्र में हेल्थकेयर को पुनः परिभाषित किया है. हम इस क्षेत्र के लोगों को सफलतापूर्वक स्वास्थ्य सुविधाएं किफायती कीमतों पर उपलब्ध करा पाए, इसका हमें गर्व है. उन्होंने कहा, हमारा ध्यान मरीजों की देखभाल करना, प्रीवेंटिव केयर पर जागरूकता फैलाना और बच्चों के हृदयरोग से जुड़ी समस्याओं के लिए निदान के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने पर केन्द्रित है.
बच्चों के दिल की देखभाल करें: डॉ.चौहान
इस मौके पर पीडिएट्रिक कार्डियोलोजिस्ट डॉ.भूषण चौहान ने कहा, बच्चों के दिल की देखभाल और उसका ध्यान रखना आज बेहद जरूरी है. जन्मजात हृदयरोग से ग्रसित बच्चों में कार्डियक और नॉन कार्डियक समस्याओं का काफी खतरा रहता है. ऐसे में प्रीवेंटिव कदम उठाना जरूरी है. वहीं कार्डियक सर्जरी कन्सल्टेंट डॉ नेविले सोलोमन ने कहा, हर 1000 बच्चों में से आज 8 बच्चे जन्मजात हृदयरोग का शिकार हैं. औसतन 3 से 4 को सर्जरी कराने की जरूरत होती है. हालांकि अधिकांश को नॉन सर्जिकल तरीके से ठीक कर उन्हें बेहतर जिन्दगी दी जा सकती है.