By नवभारत | Updated Date: Aug 14 2019 5:21PM |
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दिल्ली. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में गंभीर प्रयास के रूप में जल्द ही भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की ओर से विदेशमंत्री वांग यी के बीच बैठक होने वाली है. जम्मू- कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 के रद्द होने के और कश्मीर का 2 राज्यों में विभाजन करने के फैसले के बाद भारत- चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर पहली बैठक होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर माह में होने वाली अनौपचारिक परिषद के पहले डोभाल और वांग के बीच यह बैठक हो सकती है.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के चीन दौरे के बीच इस आशय का फैसला लिया गया. भारत और चीन के बीच कई दशकों से सीमा विवाद जारी है. जम्मू-कश्मीर के विभाजन के बाद यह बैठक इसलिए और भी आवश्यक हो जाती है क्यों कि लद्दाख की सीमा चीन से लगी हुई है. चीन के विदेशमंत्री ने बताया कि सीमा मामले पर चीन की ओर से भारत को कुछ प्रस्ताव भेजे गए, इससे साफ संकेत मिलता है कि चीन सीमा विवाद का हल निकालने की इच्छा रखता है.
भारत ने हमेशा से ही सीमा विवाद का हल निकालने को प्रधानता दी किंतु अब तक चीन ने इस दिशा में कोई सकारात्मक रुख नहीं दर्शाया था. भारत द्वारा धारा 370 को रद्द करने के बाद चीन ने भरत को ताकीद दी थी कि वह कश्मीर पर एकतरफा निर्णय न ले और लद्दाख को केंद्रशासित राज्य बनसने को लेकर भी उसने गहरा ऐतराज जताया था.